नवज्योति ब्यूरो प्रतापगढ़। स्थानीय एपीसी महाविद्यालय में वार्षिकोत्सव यूथ फेस्टीवल आयोजित हुआ, जिसमें विद्यार्थियों ने मनमोहक प्रस्तुतियां देकर उपस्थित दर्शकों का दिल जीत लिया। प्राचार्य डॉ. संजय गील ने बताया कि महाविद्यालय द्वारा संचालित सांस्कृतिक एवं साहित्यिक परिषद के तत्वावधान में आयोजित इस कार्यक्रम का शुभारंभ ब्रह्माकुमारीज मीना दीदी के मुख्य आतिथ्य तथा *निक नवज्योति ब्यूरोचीफ राकेश सोनी, व्याख्याता सुरेन्द्र सुमन, शिक्षाविद् शालिनी व्यास, नीलम कटलाना, एपीसी स्कूल प्राचार्य कविता डेरिक के विशिष्ट आतिथ्य में किया गया। कार्यक्रम की अध्यक्षता नंदिनी गोसेवा समिति के अध्यक्ष चंद्रहास भट्ट ने की। कार्यक्रम को सम्बोधित करते हुए मुख्य अतिथि मीना दीदी ने कहा कि भारतीय संस्कृति की झलक अगर हमें देखनी है तो शिक्षा के द्वार पर जाना ही होगा, यहीं वो स्थान है जहां सम्पूर्ण धर्म और रीति रिवाजों को पिरोये विविधजन संस्कृति का हस्तान्तरण करते हैं। उन्होंने कहा कि जीवन में संघर्ष एवं बाधाओं का आगमन अनिवार्य है, किन्तु सफलता उन्हीं को मिलती है जो इन बाधाओं से बिना घबराए आगे बढ़ते रहते हैं। समिति के अध्यक्ष भट्ट ने जीवन में गीत एवं संगीत महत्व पर प्रकाश डालते हुए कहा कि प्रत्येक विद्यार्थी को जीवन में सकारात्मक उर्जा के संचार हेतु किसी न किसी कला से जुड़ना चाहिए। इस अवसर पर छात्र छात्राओं ने भारतीय संस्कृति से ओत प्रोत विविध सामूहिक, एकल नृत्य प्रस्तुत किए। श्रीकृष्ण-राधा होली कार्यक्रम ने सभी का मन मोह लिया। विशिष्ट अतिथि सोनी ने गीतों के माध्यम से विद्यार्थियों में सामाजिक चेतना का संचार किया। यूथ फेस्टिवल में आयोजित प्रतियोगिता में सामूहिक नृत्य के अंतर्गत प्रथम स्थान आरती धाकड़ एवं समूह द्वितीय स्थान मिलन एवं समूह एवं तृतीय स्थान किंजल एवं समूह ने प्राप्त किया। इसी प्रकार एकल नृत्य में प्रथम स्थान हिमांशी द्विवेदी द्वितीय स्थान भूमिका कुमावत एवं तृतीय स्थान दीक्षा गावरी ने प्राप्त किया। कार्यक्रम संयोजन व्याख्याता डॉ. भावना सोनी एवं पूजा टांक ने किया। इस दौरान चक्रपाणी चौहान, रत्नेश करणपुरिया, सुधा शर्मा, बीएल आंजना, अजीतसिंह राठौड़, गोपाल माली, डॉ. तनुजा जैन, डॉ. मीनाक्षी शर्मा, डॉ. अरुण वैष्णव, राजेश कदम, रोहित मूंदड़ा, रणजीत लबाना, प्रद्युम्न शर्मा, चेतना वैष्णव, आशीष लबाना, लता राठौर, दीपिका कुमावत, पंकज शर्मा, सुरेश अंजना, ऋषभजोशी, निरंजन वैष्णव आदि संकाय सदस्य उपस्थित रहे।
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