राजस्थान दर्शन प्रतापगढ़। शहीद दिवस के अवसर पर एपीसी महाविद्यालय में राष्ट्रपिता महात्मा गांधी को श्रद्धांजलि अर्पित की गयी। प्राचार्य डॉ. संजय गील ने बताया कि महाविद्यालय में संचालित जनसंख्या प्रकोष्ठ के तत्वाधान में आयोजित इस कार्यक्रम में प्रार्थना सभा, स्वच्छता शपथ एवं जागरूकता रैली का आयोजन अपर जिला सत्र न्यायाधीश एवं सचिव जिला विधिक सेवा प्राधिकरण केदारनाथ की उपस्थिति में हुआ। बतौर मुख्य अतिथि उपस्थित विद्यार्थियों की संबोधित करते हुए अपर जिला सत्र न्यायाधीश केदारनाथ ने कहा की भारतीय संविधान में समस्त नागरिको को सर्वागीण विकास हेतु अनेक अधिकार प्रदान किये गए है, जिनकी जानकारी हर नागरिक को होनी चाहिये। साथ ही राष्ट्रपिता महात्मा गांधी के संकल्पों और आदर्शों के निर्माण हेतु सभी नागरिको को कर्तव्यों के परिपालना भी अवश्य ही करनी चाहिए जब तक हम अधिकारों के साथ कर्तव्यों के प्रति संवेदनशील नहीं होंगे, तब तक देश के विकास में बाधक विघटनकारी ताकतों का सामना नहीं कर पायेंगे। आज भी राष्ट्र के निर्माण में राष्ट्रपिता महात्मा गांधी द्वारा प्रतिपादित सत्य और अहिंसा के सिद्धांत अत्यंत प्रासंगिक है, जिनका अनुसरण अनेक विकसित राष्ट्र भी कर रहे है।
प्राचार्य डॉ संजय गील ने गांधीजी के जीवन और उनके अहिंसा के सिद्धांतों पर प्रकाश डाला। उन्होंने बताया कि गांधीजी के नेतृत्व में देश को आजादी मिली और उनके आदर्श आज भी विश्व में प्रासगिक हैं। साथ ही उन्होंने इस अवसर पर कहा की स्वतंत्रता के संघर्ष में जनजाति वर्ग समाज का भी महतवपूर्ण योगदान है। आज भी गोविन्द गुरू जैसे वीरो का बलिदान, राष्ट्रपिता महात्मा गांधी के साथ साथ वागड का जलियावाला बाग कांड कहलाया जाने वाला मानगढ़ आंदोलन एवं और देश के लिए शहीद हुए वीर विरांगनाओं का स्मरण स्वतः ही मस्तिष्क में उभरकर सामने आ जाता है। कार्यक्रम के अंत में सामूहिक रूप से विद्यार्थियों को सत्य, अहिंसा और स्वच्छता की शपथ और हरी झंडी दिखाकर जागरूकता रेली को रवाना किया। इस अवसर पर मेघा राठौर सुधा आचार्य डॉ. भावना सोनी, चक्रपाणी चौहान, रत्नेश करणपुरिया, बी. एल. आंजना, अजित सिंह राठोड, गोपाल माली, डॉ. तनूजा जैन, शिखा शर्मा, डॉ. मिनाक्षी शर्मा, डॉ. अरुण कैष्णव, श्याम लाल पाटीदार, रणजीत लबाना, प्रधुम्न शर्मा, पूजा टांक, चेतना वैष्णव, दीपिका कुमावत, पंकज शर्मा, सुरेश अंजना, ऋषभ जोशी, निरंजन वैष्णव आदि संकाय सदस्य उपस्थित रहे। कार्यक्रम संयोजन व्याख्याता रत्नेश करणपुरिया ने किया ।



